modi ji

डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र।
स्वाधीनता दिवस एक बार फिर आत्मावलोकन का अवसर लेकर उपस्थित हुआ है। इसमें संदेह नहीं कि देश ने विगत सात दशकों में सामाजिक-आर्थिक उन्नयन के नए कीर्तिमान गढ़े हैं। शिक्षा, चिकित्सा, वाणिज्य, कृषि, रक्षा, परिवहन तकनीकि आदि सभी क्षेत्रों में विपुल विकास हुआ है, किन्तु परिमाणात्मक विकास के इस पश्चिमी मॉडल ने हमारी गुणात्मक भारतीयता को क्षत-विक्षत भी किया है। हमारी संतोषवृत्ति, न्याय के प्रति हमारा प्रबल आग्रह, निर्बलों और दीन-दुखियों की सहायता के लिए समर्पित हमारा संकल्प, सामाजिक-राजनीतिक संदर्भों में वाक् संयम, धार्मिक जीवन में आडंबररहित उदारता और स्वदेश तथा स्वाभिमान के लिए संघर्ष की चेतना हमारे स्वातंत्र्योत्तर परिवेश में उत्तरोत्तर विरल हुई है। महात्मा गांधी का ‘हिन्द स्वराज’ यांत्रिक प्रगति के अविचारित प्रयोग की भेंट चढ़ चुका है। 
Oldest

buy

bra http://fkrt.it/h~YmCnuuuN bag http://fkrt.it/h~uponuuuN amazon home http://amzn.to/2E99S6G amz rech http://amzn.to/2Ean...